जब बतायेगी वो मेरा योगदान पा जाऊंगी मैं निर्वाण। जब बतायेगी वो मेरा योगदान पा जाऊंगी मैं निर्वाण।
अब के बरस तुम देख लेना ऐसी होली खेलूँगी मैं। अब के बरस तुम देख लेना ऐसी होली खेलूँगी मैं।
हमें नहीं आता हास्य पर लिखना तुम सारे मिलकर हमारी ही हंसी उड़ाओ। हमें नहीं आता हास्य पर लिखना तुम सारे मिलकर हमारी ही हंसी उड़ाओ।
रसना फिर फिर चाखि। रसना फिर फिर चाखि।
दृग कर रहे हैं मधुर सपनों का आलिंगन अहा बसंत का हो रहा आगमन। दृग कर रहे हैं मधुर सपनों का आलिंगन अहा बसंत का हो रहा आगमन।
मुझे अब औऱ किसी का सहारा नहीं चाहिये। मुझे अब औऱ किसी का सहारा नहीं चाहिये।